10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों कभी भारतीय 34 करोड़ थे आज 140 करोड़ हो गए कभी 300 में 10 ग्राम सोना खरीद लिया करते थे |आज इतने में नकली गहने भी नहीं मिलेंगे कभी 27 पैसे में एक लीटर पेट्रोल भरवा लिया करते थे लेकिन आज 100 खर्च करने पड़ते हैं |यह कुछ बातें हैं जो बताती हैं| कि हम कितना बदल गए हैं| यह बदलाव 1947 से 2024 तक आया है |
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव
नंबर 10 रेलवे रोड्स
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों 18533 किलोमीटर का सफर तय किया था |उसके बाद रेलवे की पटरियां बचती गई और रेलवे लोगों की लाइफलाइन बन गई रेलवे को लाइफलाइन इसलिए भी कहा जाता है |क्योंकि आज भी करोड़ों यात्री रोज अपनी मंजिल तक इसी से पहुंचते हैं| 1950 में ट्रेन से साल भर में 128 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते थे|
लेकिन अब इनकी संख्या 350 करोड़ से ज्यादा हो गई है |बात अग अगर रेलवे की कमाई की करें तो 1950 में रेलवे को यात्रियों से 8 करोड़ का रेवेन्यू मिलता था |जो 202122 में 39000 करोड़ से ज्यादा हो गया है| हालांकि 201920 में रेवेन्यू 50000 करोड़ से ज्यादा था| इतना ही नहीं 1951 में रेलवे हर एक किलोमीटर पर डेढ़ पैसा किराया वसूलते थी |लेकिन अब हर किलोमीटर पर 66 पैसे से ज्यादा किराया लगता है|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव बात करें रोड्स की तो 1947 में जब भारत को आजादी मिली तब नेशनल हाईवेज की कुल लंबाई लगभग 21 378 किलोमीटर थी |जो अब 1.4 लाख किलोमीटर से अधिक हो गई है| दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है| जिसकी कुल लंबाई लगभग 62 लाख किलोमीटर है| यात्री यातायात का लगभग 67 पर और माल यातायात का 60 पर योगदान रोड ट्रांसपोर्ट से होता है |राष्ट्रीय राजमार्ग भारत में सड़क नेटवर्क का एक बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है| यह लगभग 40 पर सड़क यातायात कैरी करता है|
नंबर 9 पॉपुलेशन
1947 to 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों जब भारत आजाद हुआ था तब देश की आबादी 34 करोड़ के आसपास थी 1951 में देश की पहली जनगणना हुई उस वक्त हमारी आबादी लगभग 36 करोड़ थी भारत के पास डावर्स कल्चर साझा करने वाले एक अरब से अधिक लोगों द्वारा रिजर्व एक समृद्ध विरासत है| उम्मीद है |
कि भारत 2024 में जनसंख्या के मामले में चीन से आगे निकल जाएगा दोस्तों अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो भारत की जनसंख्या पूरी 21वीं सदी में टॉप पर रहेगी 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत ने चार गुना वृद्धि का एक्सपीरियंस किया जो आज 1. 34 बिलियन तक पहुंच गया भारत की जनसंख्या प्रतिवर्ष 15 मिलियन की दर से बढ़ रही है| और यह दुनिया में सबसे अधिक वृद्धि दर है|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव जहां चीन की जनसंख्या 1.4 अरब से ज्यादा है|इसके बाद नाइजीरिया और अमेरिका का स्थान है भारत की वर्तमान फर्टिलिटी रेट प्रति महिला 2.3 जन्म है और पिछले दो दशकों से स्थिर बनी हुई है |इस दर से 2050 तक भारत की जनसंख्या 1.8 अरब तक बढ़ने की उम्मीद है| किसी और चीज में भारत आगे निकले या ना निकले लेकिन किसी भी स्थिति में भारत को दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने से कोई नहीं रोक सकता|
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नंबर 8 रिलीजस
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव भारत के छह सबसे बड़े धार्मिक समूह विभाजन की बाद से रिलेटिवली स्टेबल बने हुए हैं| सबसे बड़ा बदलाव जो हुआ है| वह मुसलमानों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी और हिंदुओं की हिस्सेदारी में गिरावट में हुआ है| 1951 और 2011 के बीच मुसलमानों की आबादी 4.4 परज पॉइंट्स बढ़कर 14.2 पर हो गई जबकि हिंदू च द 3 पॉइंट्स घटकर 79.8 पर हो गए हैं|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1951 के बाद से प्रत्येक जनगणना में ईसाई भारत की आबादी का 2 से 3 पर के बीच रहे हैं हालांकि ऐसी चिंताएं हैं कि ईसाइयों की गिनती कम हो सकती है| लेकिन इस तरह की कम गिनती की सीमा निर्धारित करना मुश्किल है| 3 पर भारतीय जो हिंदू धर्म इस्लाम या ईसाई धर्म के अलावा अन्य धर्मों को मानते हैं |आजादी के बाद के दशकों में लाखों करोड़ों लोगों का रिप्रेजेंटेशन करने लगे हैं|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव सिख भारत का चौथा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है 19 1951 में 7 मिलियन यानी 70 लाख फॉलोवर से बढ़कर 2011 में लगभग 21 मिलियन यानी कि 2.1 करोड़ हो गए जबकि ये हिस्सा भारत की आबादी का 2 पर से कम है बौद्ध और जैन एक समान पैटर्न दिखाते हैं |पिछले कुछ दशकों में उनकी संख्या दोगुनी या तिगने हो गई ,जबकि उनकी हिस्सेदारी स्थिर बनी हुई है| दोनों ही भारत की जनसंख्या में 1 पर से कम की हिस्सेदारी रखते हैं|
नंबर 7 इंटरनेट 2G 3G 4G 5G
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव आजादी के बाद से भारत में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने एक लंबा सफर तय किया है| शुरुआती वर्षों में आईटी मुख्य रूप से गवर्नमेंट यूज और शिक्षा पर केंद्रित था, हालांकि 1980 और 1990 के दशक में आईटी बुनियादी ढांचे पर सरकार के फोकस और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के उदय के कारण आईटी क्षेत्र तेजी से बढ़ने लगा आज भारत दुनिया के लीडिंग आईटी डेस्टिनेशंस में से एक है |
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव भारतीय आईटी क्षेत्र लगभग 200 अरब डॉलर यानी कि 16 लाख करोड़ से अधिक का है और 4 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है| दोस्तों आईटी का भारत की अर्थव्यवस्था और समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ा इसने नौकरियां पैदा की हैं| निर्यात को बढ़ावा दिया है| और लाखों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की है| आईटी ने भारत को दुनिया से और अधिक जोड़ा है ,और इसने ग्लोबलाइजेशन को बढ़ावा देने में भी मदद की है |
नंबर 6 डॉक्टर्स एंड हॉस्पिटल्स
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों कोरोना ने बता दिया कि किसी भी देश के लिए मजबूत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कितना जरूरी है| आजादी से अब तक हमारे देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है |आजादी के समय देश में केवल 30 मेडिकल कॉलेज थे| लेकिन अब 700 से ज्यादा है, इतना ही नहीं आजादी के समय देश भर में 2014 सरकारी अस्पताल थे, और अब इनकी संख्या 411000 से ज्यादा हो गई है| डॉक्टरों की संख्या भी 13 लाख को पार कर चुकी है|
नंबर 5 पॉवर्टी
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों अनुमान के मुताबिक आजादी के वक्त देश के 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जो उस वक्त की आबादी का 80 पर था| हमारे देश में 1956 के बाद से पॉवर्टी नंबर्स का हिसाब किताब रखा जाने लगा बीएस मिन्हास कमीशन ने योजना आयोग को अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें में अनुमान लगाया था| कि 1956 57 में देश के 21 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे ,गरीबी रेखा के सबसे ताजा आंकड़े 2011 के हैं |
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव इन आंकड़ों के मुताबिक देश की 27 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे है |यानी उस समय तक देश की 22 पर आबादी गरीबी रेखा के नीचे आती थी| दोस्तों क्या आप लोग जानते हैं |कि गरीब कौन होगा इसकी डेफिनेशन भी सरकार ने तय कर रखी है| इसके मुताबिक अगर शहर में रहने वाला व्यक्ति हर महीने ₹1 से ज्यादा कमा रहा है ,और गांव में रहने वाले व्यक्ति के हर महीने की कमाई 816 से ज्यादा है तो वह गरीबी रेखा से नीचे नहीं आएगा|
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नंबर 4 चिल्ड्रन इन अ फैमिली
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों हाल के दशकों में भारत की फर्टिलिटी रेट में तेजी से गिरावट देखने को मिली है आज एवरेज भारतीय महिला के अपने जीवन काल में दो बच्चे पैदा करने की उम्मीद है |फर्टिलिटी रेट 1.6 जो संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कई इकोनॉमिकली एडवांस देशों की दर से अधिक है|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव लेकिन 1992 में 3.4 और 1995 5.9 की तुलना में बहुत कम है| देश के प्रत्येक धार्मिक समूह की फर्टिलिटी में गिरावट देखी गई है| जिसमें मल्टीट्यूडिनस हिंदू आबादी और मुस्लिम ईसाई सिख बौद्ध और जैन माइनॉरिटी समूह शामिल है| जैसे भारतीय मुसलमानों में कुल फर्टिलिटी रेट में ड्रामे िकल गिरावट आई है जो 1992 में प्रति महिला 4. 4 बच्चों से बढ़कर 2015 में 2.6 बच्चे हो गई हैं| यह सबसे हालय वर्ष है |जिसके लिए भारत के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे से धार्मिक डाटा में उपलब्ध है |
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नंबर 3 करेंसी
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों अमेरिका कई दश से दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना हुआ है |यही कारण है, कि अमेरिका की करेंसी डॉलर की भी पूरी दुनिया में दादागिरी चलती है | हालांकि हमेशा ऐसी स्थिति नहीं थी एक समय था |जब अपना रुपया भी डॉलर को टक्कर देता था| लेकिन बाद में स्थितियां बदलती चली गई और आज के समय में भारतीय रुपया वैल्यू के लिहाज से डॉलर के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता आखिर क्यों आजादी के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया इस कदर कमजोर होता गया गौर से देखें तो इसके लिए पांच प्रमुख कारण जिम्मेदार हैं |
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव सबसे पहले डेसीमल लाइजेशन ने रुपयों की वैल्यू गिराई यह काम हुआ 1957 में जब ₹ को 100 पैसों में बांटा गया इसके बाद 1966 के आर्थिक संकट ने एक झटके में रुपए की वैल्यू 57 पर गिरा दी 1991 के आर्थिक संकट ने अगला बड़ा योगदान दिया और इसके चलते रुपए की वैल्यू बहुत कम हो गई 1991 के आर्थिक संकट और लिबरलाइजेशन के चलते डॉलर के मुकाबले रुपया 35 से नीचे चला गया फिर साल 2013 में रुपए की वैल्यू में बड़ी गिरावट हुई उस समय कई उभ मुद्राएं डीवैल्युएशन का शिकार ई अंत में 2016 की नोटबंदी ने भी रुपए की वैल्यू गिराने में योगदान दिया|
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नंबर 2 मिलिट्री
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव दोस्तों किसी भी देश की आर्थिक सेहत कैसी है इसको जानने का पैमाना है ,जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट ऐसा माना जाता है, कि जब अंग्रेज भारत आए थे |तब दुनिया की जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 22 पर से 26 जनवरी 1950 को देश में रिपब्लिक की घोषणा से 2 साल 4 महीने पहले 15 अगस्त 1947 को ही हमें आजादी मिली थी|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव आजादी ने हमें बंटवारे का जख्म दिया और भारत के दो टुकड़े हो गए |एक टुकड़े से पाकिस्तान बना नवजात पाकिस्तान ने ठीक से पैर जमाना भी नहीं सीखा था |लेकिन कश्मीर पर हमला कर दिया यह अलग बात है, कि उसने हमले की बात कभी मानी नहीं और आज भी यही कहता है ,कि हमलावर ट्राइबल थे |पाकिस्तानी सेना के जवान नहीं खैर भारतीय सेना ने उन हमलावरों को मुंह तोड़ जवाब दिया दुनिया जानती है,
कि परिणाम क्या हुआ भारतीय मिलिट्री की ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं ,कि जब हमारे पास ना था |कोई खास हथियार हुआ करते थे ,और ना ही इतनी अच्छी मिलिट्री ट्रांसपोर्ट सर्विसेस बस होती थीतो एक बंदूक जिसकी आंखें की तरफ चाकू लगा होता था ,और मिलिट्री की ऐसी सर्विस जिससे पहुंचने में ही एक से दो दिन का समय लगता था लेकिन देश की तरक्की के साथ-साथ ही मिलिट्री ने भी खूब तरक्की की है|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव आज हमारे देश के पास ऐसे-ऐसे हथियार हैं |जो हमारे दुश्मनों के छुड़ा सकते हैं| जैसे कि एक 203 एक सीरीज में ak47 सबसे बुनियादी मॉडल है ,और एक 203 सबसे जटिल और नवीनतम हथियार मॉडल है |जो भारतीय सेना के पास है पिस्टल ऑ 9mm 1a लोकप्रिय बंदूक है जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना में जमकर किया जाता है |उत्तर पूर्व में महत्त्वपूर्ण अभियानों से लेकर जम्मूकश्मीर में मुठभेड़ों तक यह हथियार अधिकारियों के लिए बेहद है |भारतीय सेना में और भी बहुत सारे हथियार शामिल हैं |
चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं?
नंबर 1 जीडीपी
10 Changes of India From 1947 to 2024 | 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव 1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव जीडीपी ज्यादा थी |लेकिन जब वह छोड़कर गए तो हिस्सेदारी घटकर 3 पर पर आ गई आजादी के बाद से अब तक हमारी जीडीपी 50 गुना से ज्यादा बड़ी है| 1950 से 51 में हमारी जीडीपी 4.96 लाख करोड़ रपए थी| जो 20222 में 157 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है|
1947 से 2024 तक भारत के 10 बदलाव एक वक्त था |जब भरत को सोने की चिड़िया कहा जाता था| इसका कारण यह था |कि हमारे देश में हर घर में सोना हुआ करता था आज भी दुनिया भर में सबसे ज्यादा सोना भारतीय घरों में ही है| आज 10 ग्राम सोने की कीमत 60000 के पार पहुंच गई है| लेकिन जब हम आजाद हुए थे तब 10 ग्राम सोने की कीमत 90 भी नहीं थी| यानी अगर आज के हिसाब से तुलना करें तो आजादी के वक्त हम जितने 10 ग्राम सोना खरीद सकते थे| आज उतने में एक लीटर पेट्रोल भी नहीं आता |