चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैंचीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं?-दोस्तों प्राचीन काल से ही गंगा पवित्र नदियों में से एक मानी जाती रही है| जहां एक तरफ गंगा का जल अत्यंत पवित्र और साफ माना जाता है |

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं?

नंबर 10 गंगा रिवर

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं , दोस्तों प्राचीन काल से ही गंगा पवित्र नदियों में से एक मानी जाती रही है| जहां एक तरफ गंगा का जल अत्यंत पवित्र और साफ माना जाता है |

वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी गंगा सर्वोपरि नदी है| अपनी पवित्र पत्रता के कारण हजारों वर्षों से पवित्र नदी गंगा लोगों के आर्थिक सामाजिक और धार्मिक जीवन में महत्त्वपूर्ण रही है| हिंदू परंपरा में इसे देवी और मां के रूप में माना जाता है| और दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन देश में भी येलो रिवर नाम की इस नदी को मां के रूप में पूजा जाता है|

इस नदी ने प्राचीन काल से चीनी लोगों का पालन पोषण किया है और चीनी सभ्यता के विकास को देखा है| इसलिए इसे चीन में मदर रिवर और देश की संस्कृति और इतिहास का प्रतीक कहा जाता है|येलो रिवर बेसन चाइनीज सिविलाइजेशन का जन्म स्थान है| चीनी राष्ट्र के अर्ली एंसेट का मुख्य गतिविधि क्षेत्र यही है| एक सभ्य समाज बनने के बाद लगभग 2070 ईसा पूर्व से 1100 ईसवी तक ज्यादातर सभी राजवंशों की राजधानियां भी पीली नदी बेसन में स्थापित की गई थी हजारों वर्षों से येलो रिवर कल्चर चाइनीज नेशन का मुख्य राजनीतिक आर्थिक और आइडियो जिकल हार्ट रही है |

नंबर 9 मार्शल आर्ट्स एंड योगा .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों जैसे भारत में योग को बहुत महत्व दिया जाता है |और भला आप इसे कैसे नहीं जानते होंगे क्योंकि आप सबकी फेवरेट एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी जो खुद को फिट रखने के लिए योगा प्रैक्टिस करती हैं| |वैसे ही चीन में भी योग को कुई गंग नाम दिया गया है|

दोस्तों चीन एक नई योग महाशक्ति के रूप में उभरा है बहुत से चीनी मानते हैं| कि योग उन्हें फिट लचीला और स्वस्थ बना सकता है| यह अ मान लगाया गया है कि चीन में लाखों योगाभ्यासी हैं| और देश भर में हजारों से अधिक योग स्कूल और कोचेस हैं |योग फिजिकल एक्सरसाइज सिस्टम्स हैं |जो धीमी गति से हिलने वाली मांसपेशियों पर आधारित है|

और दोनों अभ्यास में सांस नियंत्रण को एकीकृत करते हैं| इन दोनों का यूज केवल एक्सरसाइज सिस्टम्स के रूप में या फिर स्पिरिचुअल प्रैक्टिस के रूप में भी किया जा सकता है| अब बात करें मार्शल आर्ट की तो भारत का कलारी पैटू जिसे कलारी के नाम से भी जाना जाता है| जिसकी उत्पत्ति 11वीं शताब्दी के दौरान भारत के दक्षिण पश्चिमी तट पर केरल राज्य में हुई थी |और चीन में भी बिल्कुल ऐसे ही मार्शल आर्ट है| जिसे कुंग फू या फिर ताय ची स्वान के नाम से जाना जाता है|

नंबर 8 एग्रीकल्चर

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों भारत और चीन दोनों देशों के किसानों के पास पीढ़ियों से चली आ रही रिच एग्रीकल्चरल ट्रेडिशनल ज्यादा होने के कारण एग्रीकल्चर तो ज्यादा होना ही है |जैसे कि भारत में लोगों का एक बड़ा हिस्सा चावल खाना बहुत पसंद करता है |

ऐसे ही चीन में वहां के लोगों को चावल खाना बहुत पसंद है| जिस वजह से भारत और चीन दोनों ही देशों में चावल की खेती सबसे ज्यादा होती है लेकिन चीन और भारत की खेती में कुछ अंतर भी है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे चीन में जब कोई किसान 60 साल का हो जाता है |तो वह अपने जन्मदिन पर अपना पट्टा बेच देता है| यानी कि खेत बेच देता है |अगर उनके पास कोई बेटा नहीं है| जो पट्टा ले सके या फिर भतीजा जिसे बेचने के बाद भी उन्हें जीवन भर हर महीने 543 आरएमबी की पेंशन मिलती है| यानी कि भारतीय रुपयों में लगभग 6377 |

नंबर 7 फेस्टिवल .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों भारत का सबसे पॉपुलर फेस्टिवल दिवाली और चीन का स्प्रिंग फेस्टिवल एक हद तक बिल्कुल सेम है| शायद आपने कभी इस बात पर ध्यान ना दिया हो लेकिन आज हम आपको बताएंगे जैसे भारत में दिवाली पर सभी लोग लाइट्स और दिए जलाकर अपने घरों को रोशन करते हैं|

वैसे ही चीन के स्प्रिंग फेस्टिवल में बहुत सारी लाइट्स और रेड कैंडल्स को जलाया जाता है| और जैसे भारत में सब लोग दिवाली पर अपने घर जाते हैं| वैसे ही चीन में भी इस फेस्टिवल पर सभी लोग अपने घर जाकर अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ तरह-तरह की मिठाइयां बांटते हैं गिफ्ट्स देते हैं पटाखे जलाते हैं और बिल्कुल दिवाली की तरह ही अपने इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट करते हैं|

नंबर 6 अनहेल्दी फूड हैबिट्स .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों यह तो आप सभी लोग जानते हैं| कि भारत में आजकल लोग हेल्दी फूड्स की जगह फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं| बहुत ज्यादा ऑयली और मसालेदार खाने के शौकीन भारतीयों की तरह ही चीन के लोग भी कुछ इस तरह का खाना ही पसंद करते हैं |

हां यह अलग बात है |कि उनके खाने में सब्जियों से ज्यादा जानवर होते हैं |लेकिन वह भी उनको इतने ज्यादा ऑयली और मसालेदार तरीके से खाते हैं |कि वह हेल्दी तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता और दोस्तों क्या आपको लगता है |कि जिंदा जानवरों को खाना हेल्दी होगा बिल्कुल नहीं दूसरी ओर वेस्टर्न लोग अपने भोजन को ज्यादा नहीं पकाते और अपने भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए बहुत अधिक मसाले डालने से बचते हैं| यह केवल स्वाद के बारे में ही नहीं हमारी डेली डाइट में हाई न्यूट्रिशन भी रखता है |उनकी फूड हैबिट्स में फल सब्जियां मेवे मांस अंडे सभी प्रकार के भोजन शामिल होते हैं |

नंबर 5 पॉपुलेशन .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पॉपुलेशन डैशबोर्ड 2023 के अनुसार भारत की पॉपुलेशन 142.5 6 करोड़ हो गई है| जो कि चीन की एस्टीमेट पॉपुलेशन 142.5 7 करोड़ से कुछ अधिक है| दोस्तों पिछले कई सालों से भारत जनसंख्या के मामले में चीन से पीछे रहा है|

लेकिन 2023 में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है|लेकिन दोस्तों आप को क्या लगता है| कि भारत को इसकी खुशी मनानी चाहिए कि वह जनसंख्या के मामले में पहले नंबर पर है| या फिर इस चीज का दुख मनाना चाहिए कि उनका देश क्षेत्रफल के अनुसार कई देशों से पीछे है लेकिन फिर भी पॉपुलेशन में नंबर वन पर आ गया है| कुल मिलाकर देखा जाए तो खुशी की बात नहीं है |

बल्कि चिंता की बात है| क्योंकि भारत का कोई सौगात नहीं बल्कि जनसंख्या का बोझ मिला है जिसे आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि देश की होल्डिंग कैपेसिटी और खासकर पृथ्वी की सहन शक्ति की दृष्टि से देखे जाने की जरूरत है| क्योंकि दोस्तों देश में जितनी ज्यादा आबादी होगी उतनी ही भुखमरी और बेरोजगारी बढ़ती जाएगी और कहीं ना कहीं जब चीन पहले नंबर पर था तो उसे भी यही लगा होगा इसलिए उसने अपनी पॉपुलेशन को कंट्रोल किया है |

नंबर 4 एजुकेशन

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों हर देश में बच्चों को शिक्षा देने के लिए अलग पैटर्न या सिस्टम होता है |जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाती है |लेकिन अगर हम भारत और चीन की शिक्षा व्यवस्था को ध्यान से देखें तो आपको उनमें बहुत ज्यादा सिमिलरिटीज देखने को मिलेंगी जैसे कि चीन के अनुसार वहां के बच्चे 6 साल की उम्र में फर्स्ट ग्रेड में स्कूल जाना शुरू करते हैं लेकिन देखा जाए तो कहीं ना कहीं भारत में भी 6 साल की उम्र में ही बच्चे फर्स्ट क्लास में आते हैं |

क्योंकि उससे पहले तो उन्हें सिर्फ प्ले स्कूल में भेजा जाता है| दोस्तों जैसे भारत में यूपीएससी चार्टर्ड अकाउंटेंट नीट जेईई जैसे टफेस्ट एग्जाम्स हैं |वैसे ही चीन में गाव काओ एग्जाम है |जिसे नेशनल हायर एजुकेशन एंट्रेंस एग्जामिनेशन के रूप में भी जाना जाता है |जो कि वर्ल्ड लेवल पर सबसे चैलेंजिंग एग्जाम्स में टॉप पर है |चीन में हायर एजुकेशन के अवसर चाहने वाले छात्रों के लिए यह कंपलसरी एग्जामिनेशन है और यही नहीं इसके अलावा जैसे भारत के युवा आईटी सेक्टर की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं|

वैसे ही चीन के युवा भी आईटी सेक्टर की तरफ ज्यादा आकर्षित है| इंजीनियरिंग और डॉक्टरिंग करने के लिए भारत की तरह ही वह भी सबसे आगे रहते हैं और कोशिश करते हैं कि उनकी पढ़ाई भी अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देशों में जाकर अच्छे से हो पाए|

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नंबर 3 स्ट्रिक्ट पेरेंट्स .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,जी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना अगर आपको भारत में लगता है| कि आपके माता-पिता ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं तो एक बार जरा चाइनीज पेरेंट्स की तरफ नजर घुमा कर देखिए अमेरिका और वेस्टर्न कंट्रीज की फिल्मों में जो अक्सर दिखाया जाता है| शायद उन तक वह सही हो लेकिन अगर बात करें चीन और भारत की तो दोनों ही देशों में माता-पिता एक जैसे ही हैं कहने का मतलब है|

कि इतने ही स्ट्रिक्ट हैं |जैसे हम भारत में एक जॉइंट फैमिली में रहते हैं| वैसे ही चीन में भी जॉइंट फैमिली में रहते हैं| जैसे भारत में आपको अपनी मर्जी से शादी करने की आजादी नहीं है |लेकिन आजकल न्यू जनरेशन के अकॉर्डिंग यह नॉर्मल होने लगा है| लेकिन फिर भी अगर आप दूसरी कास्ट में शादी करेंगे तो आपको कई बार सोचना पड़ेगा और शायद सोसाइटी के ताने भी सुनने पड़ेंगे और ऐसा ही सेम चीन में भी होता है |रिपोर्ट्स के मुताबिक और देशों के मुकाबले एशियन पेरेंट्स सबसे ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं |

नंबर 2 ट्रेडिशनल मेडिसिन.

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं ,दोस्तों आयुर्वेद भारत की ट्रेडिशनल मेडिसिन लगभग 3000 वर्षों से ट्रेंड में है, और लाखों भारतीयों की स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को पूरा कर रही है जैसे भारत में आयुर्वेद में जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है|

वैसे ही चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में जड़ी बूटियों का ही इस्तेमाल किया जाता है | जो बिल्कुल आयुर्वेद की तरह ही है |आयुर्वेदिक मेडिसिन हमारे शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन इन मेडिसिंस का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ने में काफी टाइम लगता है| दोस्तों आपने कई बार मूवीज या फिर चाइनीज ड्रामा में देखा होगा कि वो लोग किसी तेल से बॉडी मसाज कर रहे होते हैं| जो उनकी भाषा में चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन ऑइल्स कहा जाता है| ऐसा ही भारत में भी किया जाता है|

नंबर 1 ट्रीटमेंट ऑफ माइनॉरिटी .

चीन और भारत के बीच क्या समानताएं और अंतर हैं , दोस्तों वैसे तो भारत सरकार ने माइनॉरिटी के लिए अलग से कुछ रिजर्वेशंस बनाए हुए हैं| जिनसे उनको काफी मदद मिलती है लेकिन फिर भी भारत में कई जगहों पर माइनॉरिटी को अच्छे से ट्रीट नहीं किया जाता है| और ऐसा ही हाल भारत के पड़ोसी देश चीन का भी है यूएस स्टेट डिपार्टमेंट रिपोर्ट ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस हर साल दुनिया भर के मानव अधिकार से जुड़े डाटा प्रोवाइड कराता है |

जिसमें माना गया है| कि तेबत कजाकिस्तान हुई मुस्लिम और इनर मंगोलिया के रहने वाले लोग लगातार हिंसा झेल रहे हैं चीन में इन सब को डिटेंशन सेंटर्स में तो नहीं डाला गया लेकिन अपना कल्चर छोड़ने पर जरूर मजबूर किया जा रहा है| हुई मुस्लिम्स को दाढ़ी रखने और बार-बार अपने धर्म स्थल जाने से रोका गया है |खैर हमारा भारत देश सभी धर्मों का सम्मान करने वाला देश है, और यहां पर किसी को भी अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर नहीं किया गया है|

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